आपको पता है सीमा आजाद कौन हैं? ईमानदारी के साथ बताइएगा, यदि आप ना कहेंगे तो आपकी विद्वता पर कोई प्रश्नचिन्ह नहीं लगाएगा। खैर, हो सकता है आप जानते हों, पर मैं तो नहीं जानता था, हंस का अप्रैल अंक देखने के पहले।
बकौल हंस- सीमा विश्वास एक राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ता हैं, वे जनता के हितों के लिए संर्घषरत हैं, इसके लिए शासन और प्रशासन के खिलाफ आवाज (बंदूक नहीं) उठाने से उन्हें गुरेज नहीं है। गत दिनों जब सरकार ने नक्सलियों के सफाए के लिए आपरेशन ग्रीन हंट प्रारंभ किया तो उन्होंने उसकी आलोचना भी की थी। सरकार ने उन्हें राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप में गत 6 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया। इसी तरह से पूर्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने विनायक सेन को गिरफ्तार किया था। सवाल यह है कि क्या सरकारी नीतियों या फैसलों का विरोध करना गैरकानूनी है?
गुरुवार, अप्रैल 15, 2010
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nice
जवाब देंहटाएंसरकारें मनमानी करने पर आमादा हैं। लोकतंत्र कुद वंशतंत्रवादियों के चंगुल में फंसकर दम तोड़ रहा है। कुछ राजतंत्र टाइप के लोग आदिवासी राज्यों के मुखिया बन गए हैं। कथित रूप से माओवादियों के खिलाफ आंदोलन चलाकर अपना राजतंत्र पुष्ट कर रहे हैं। उनके पास पुलिस है। भ्रष्ट प्रशासन है। सेना है। मीडिया है और मीडिया तंत्र है। वो जो करें वही लोकतंत्र, बाकी नक्सलवाद।
जवाब देंहटाएंतेज बहादुर यादव