जब नाजी कम्युनिस्टों के पीछे आए
मैं खामोश रहा
क्योंकि, मैं नाजी नहीं था
जब उन्होंने सोशल डेमोक्रेट्स को जेल में बंद किया
मैं खामोश रहा
क्योंकि, मैं सोशल डेमोक्रेट नहीं था
जब वे यूनियन के मजदूरों के पीछे आए
मैं बिल्कुल नहीं बोला
क्योंकि,मैं मजदूर यूनियन का सदस्य नहीं था
जब वे यहूदियों के पीछे आए
मै खामोश रहा
क्योंकि, मैं यहूदी नहीं था
लेकिन, जब वे मेरे पीछे आए
तब बोलने के लिए कोई बचा ही नहीं था
क्योंकि, मैं अकेला था
-पीटर मार्टिन जर्मन कवि
शनिवार, जनवरी 02, 2010
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बढ़िया रचना प्रेषित की है।बधाई।
जवाब देंहटाएंसादर वन्दे
जवाब देंहटाएंजीवन से भागना मतलब अपने से भागना,
अच्छी कविता
रत्नेश त्रिपाठी
क्या कहूँ, कितनी बड़ी बात लिख दी है। -पीटर मार्टिन जर्मन कवि जी ने। अद्भुत।
जवाब देंहटाएंकवि का नाम शायद पास्टर निमोलर है…
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